पासपोर्ट आज हम सबकी जरूरत है। विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट पहली जरूरत है। सरकार समय-समय पर पासपोर्ट प्रक्रिया को आसान बनाने की बात करती रहती है, लेकिन पूरी जानकारी न होने पर पासपोर्ट बनवाना टेढ़ा काम है। अगर सही जानकारी हो तो आसानी से पासपोर्ट बनवा सकते हैं। पासपोर्ट से जुड़ी पूरी जानकारी दे रहे हैं आदित्य मित्र:
- पासपोर्ट बनवाने के लिए पासपोर्ट ऑफिस, जिला पासपोर्ट केंद्र, स्पीड पोस्ट केंद्र और पासपोर्ट डिपार्टमेंट की वेबसाइट www.passport.gov.in से ऐप्लिकेशन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
- पासपोर्ट विभाग पासपोर्ट की डिलिवरी सिर्फ स्पीड-पोस्ट से ही करता है। किसी विशेष परिस्थिति में यदि आपको काउंटर पर पासपोर्ट देने का वादा किया जाता है तो आवेदक को खुद जाना होगा।
- विभाग ने स्पीड-पोस्ट केंद्रों को पासपोर्ट फॉर्म बेचने व स्वीकार करने के लिए अधिकृत किया हुआ है। इन केंद्रों की जानकारी आप विभाग की वेबसाइट www.passport.gov.in से प्राप्त कर सकते हैं।
दिल्ली में कुल चार जिला केंद्र हैं। आप यहां से पासपोर्ट फॉर्म ले और जमा कर सकते हैं।
- पुलिस भवन, आसफ अली रोड, नई दिल्ली
- शकरपुर पुलिस स्टेशन, दिल्ली
- 9-10 बटालियन, पुलिस लाइन, पीतमपुरा, दिल्ली
- नेहरू प्लेस पुलिस पोस्ट, निकट कालकाजी मंदिर, नई दिल्ली
दिल्ली का क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर दिल्ली के अलावा हरियाणा के नौ जिलों - गुड़गांव, रेवाड़ी, फरीदाबाद, सोनीपत, झज्जर, नूंह, मेवात व महेंद्रगढ़ के निवासियों को पासपोर्ट उपलब्ध कराता है।
पासपोर्ट कितनी तरह के
आमतौर पर पासपोर्ट तीन तरह के होते हैं:
1. साधारण पासपोर्ट (नीले रंग का)
2. राजनयिक पासपोर्ट (मरुन रंग का)
3. ऑफिशल पासपोर्ट (सफेद रंग का)
ऐप्लिकेशन फॉर्म दो तरह के होते हैं:
फॉर्म नं. 1.
इस फॉर्म का इस्तेमाल नए पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने, अवधि खत्म हो चुके पासपोर्ट को री-इश्यू कराने, गुम या फटे हुए पासपोर्ट के बदले नया पासपोर्ट लेने, नाम या फोटो में तब्दीली या फिर पासपोर्ट के पेज (पन्ने) खत्म होने पर किया जाता है। बच्चों के पासपोर्ट के लिए भी इसी फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है।
फॉर्म नं. 2
इस फॉर्म का इस्तेमाल पासपोर्ट रिन्यू कराने, पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी), ईसीआर (इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) स्टांप हटवाने, पति/पत्नी का नाम शामिल कराने, अड्रेस में तब्दीली आदि कराने के लिए किया जाता है।
फॉर्म कैसे भरें
पासपोर्ट के लिए अप्लाई करनेवाले ज्यादातर लोगों के फॉर्म अटक जाते हैं, क्योंकि वे सही तरीके से भरे हुए नहीं होते हैं। छोटी-छोटी गलतियां इस प्रॉसेस को मुश्किल बना देती हैं। पासपोर्ट फॉर्म भरने में क्या सावधानियां अपनाई जाएं, आइए जानते हैं :
ऐप्लिकेशन फॉर्म भरने से पहले सभी जानकारियां ध्यान से पढ़नी चाहिए। फॉर्म के शुरू में फोटो चिपकाने, साइन करने (या अंगूठा लगाने) और फीस के भुगतान का ब्यौरा देने के लिए कॉलम बने हैं।
- यदि आप डिमांड ड्राफ्ट से फीस जमा कर रहे हैं तो बैंक का चार नंबरों का कोड भी पता कर लें। यह फॉर्म में भरा जाना जरूरी है। साइन या अंगूठे के निशान बॉक्स की रेखाओं को बिना टच किए बॉक्स के अंदर होने चाहिए, पुरुषों को बाएं व महिलाओं को दाएं हाथ के अंगूठे का निशान लगाना चाहिए।
- साइन के लिए काला या नीला बॉलपेन ही इस्तेमाल करें। अंग्रेजी में फॉर्म भरते समय कैपिटल लेटर्स का इस्तेमाल करें।
- फोटो कलर्ड और लेटेस्ट (हाल में खिंचा) होना चाहिए। पासपोर्ट आकार के ये फोटो 3.5 X 3.5 सेमी के होने चाहिए। ब्लैक ऐंड वाइट या गहरे चश्मे पहने हुए या डार्क बैकग्राउंड में या वर्दी में या पॉलराइड प्रिंट या आम कंप्यूटर प्रिंट वाले फोटो मान्य नहीं हैं। रंगीन फोटो की बैकग्राउंड सफेद हो तो बेहतर है। फोटो में आवेदक का पूरा चेहरा सामने की ओर होना चाहिए। फोटो बिल्कुल बॉक्स में चिपका होना चाहिए। छोटा या बड़ा फोटो नहीं होना चाहिए। ऐप्लिकेशन फार्म के लिए तीन रंगीन फोटो जरूरी हैं। पहला फॉर्म के पहले पेज पर, जबकि बाकी दो फोटो व्यक्तिगत विवरण (पर्सनल इन्फर्मेशन) फॉर्म पर लगाए जाते हैं। इन पर आवेदक के साइन भी जरूरी हैं। पहले पेज पर लगे फोटो पर साइन नहीं करने होते।
कॉलम-1
इस कॉलम में होता है आवेदक का नाम। पहली लाइन में सरनेम (उपनाम) और दूसरी में नाम लिखना होता है। पहली लाइन में सरनेम लिखकर कॉमा लगाएं। फिर अगली लाइन में अपना नाम लिखें। मान लीजिए कि आपका नाम अनिल कुमार राय है तो पहली लाइन में 'राय' लिखकर कॉमा लगाएं, जबकि दूसरी लाइन में 'अनिल कुमार' लिखें। नाम की स्पेलिंग वही हो, जो आपके सर्टिफिकेट्स में दी गई हो। नाम से पहले श्री, श्रीमती, कुमार या कुमारी शब्दों का इस्तेमाल न करें।
कॉलम-2
अगर कभी आपने अपना नाम बदला है तो अपना पिछला पूरा नाम दें। यह ऐसे सभी व्यक्तियों पर लागू होता है, जिन्होंने अपने नाम में किसी भी तरह का बदलाव किया हो, फिर चाहे वह बदलाव मामूली ही क्यों न हो। यह ऐसी महिलाओं पर भी लागू होता है, जिन्होंने शादी के बाद अपना नाम या सरनेम बदला है। यदि नाम में कोई बदलाव नहीं है तो 'लागू नहीं' लिखें।
कॉलम-3
महिला/ पुरुष के विकल्प में दिए गए इस बॉक्स में 'एम' या 'एफ' जो भी लागू हो, लिखें।
कॉलम-4
यह कॉलम जन्मतिथि से संबंधित है। जन्म का दिन, महीना व साल शब्दों में भरा जाए, जैसे कि सर्टिफिकेट में दर्ज हो। जन्म की तारीख का प्रमाणपत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) या हाईस्कूल (दसवीं) का सर्टिफिकेट साथ में लगाना होगा। बिना पढ़े-लिखे या कम पढ़े-लिखे आवेदकों को मैजिस्ट्रेट या नोटेरी द्वारा सत्यापित ऐफिडेविट लगाना होगा। जिन आवेदकों का जन्म 26 जनवरी 1989 को या उसके बाद हुआ है, उनका सिर्फ सरकार द्वारा जारी बर्थ सर्टिफिकेट ही मान्य होगा।
कॉलम-5
अगर आवेदक का जन्म भारत में हुआ है तो स्थान का नाम जैसे गांव/ कस्बा, जिला व राज्य का उल्लेख करें। भारत से बाहर जन्म हुआ है तो स्थान और देश का नाम लिखें। भारत के विभाजन से पहले ऐसी जगह पर हुआ है, जो अब पाकिस्तान या बांग्लादेश में है तो उस जगह का नाम लिखें और उसके बाद देश के लिए 'अविभाजित भारत' लिखें।
कॉलम 6, 7 व 8
ये कॉलम पिता, माता और पति/ पत्नी के नाम से संबंधित हैं। इन कॉलमों में नेम व सरनेम दोनों लिखे जाने हैं यानी नेम के बाद सरनेम लिखा जाना चाहिए। यदि आवेदक अविवाहित है तो कॉलम 8 में पति/ पत्नी के नाम की जगह पर 'लागू नहीं' भरना होगा। कॉलम 8 का अगला हिस्सा तलाकशुदा, विधुर या विधवा के लिए है। इसके लिए तलाक के आदेश की अटैस्टेड कॉपी, ऐफिडेविट, डेथ सटिर्फिकेट आदि लगाना होगा।
कॉलम 9 व 10
यह कॉलम आवेदक के निवास-स्थान से जुड़ा है। दिए गए पते पर कब से रह रहे हैं, वह तारीख, फोन नंबर, एरिया पिन कोड के साथ सभी ब्यौरे दिए जाएं ताकि पासपोर्ट ऑफिस अतिरिक्त सूचना या दस्तावेज के मामले में जरूरत पड़ने पर संपर्क कर सके। मोबाइल नंबर फायदेमंद होता है। अगर कॉलम 9 में दिए गए पते पर निवास की अवधि आवेदन करने की तारीख को एक साल से कम है तो निवास की अवधि की जानकारी देते हुए दूसरा पता दें, जहां आप लंबे समय तक रहे हों। अपने माता-पिता से दूर रह रहे स्टूडेंट स्टडी के स्थान से अप्लाई कर सकते हैं। ऐसे मामलों में पते के प्रूफ के लिए शैक्षिक संस्था के प्रिंसिपल/डायरेक्टर/रजिस्ट्रार या डीन का सटिर्फिकेट जरूरी है। पिछले एक साल में एक से अधिक पते के लिए व्यक्तिगत विवरण फॉर्म का एक अतिरिक्त सेट फॉर्म के साथ लगाना होगा।
कॉलम 11
अगर आपके पास पहले से किसी भी तरह का पासपोर्ट है तो उसकी जानकारी इस कॉलम में दी जानी है। अगर पहले कभी आपका पासपोर्ट गुम हुआ हो या खराब हो गया हो तो पुलिस एफआईआर की कॉपी लगाना जरूरी है।
अगर कभी आपने इमरजेंसी सर्टिफिकेट पर यात्रा की है या कभी निर्वासित या सरकार की लागत पर देश प्रत्यावर्तित किए गए हैं तो कॉलम 11 के ए हिस्से में ईसी (इमरजेंसी सर्टिफिकेट) संख्या जारी करने की तारीख और स्थान, मूल गिरफ्तारी मेमो, उस देश और स्थान का नाम जहां से निर्वासित या प्रत्यावर्तित किए गए की जानकारी देनी चाहिए। यदि ईसी की डिटेल्स उपलब्ध न हो तो उस स्थान और देश का नाम दिया जाना आवश्यक है, जहां से निर्वासित या प्रत्यावर्तित किए गए। ऐसे सभी आवेदकों को एफिडेविट नोटेरी के रूप में अपने निर्वासन/ पासपोर्ट के गुम होने की परिस्थितियों की डिटेल्स देनी चाहिए।
कॉलम-12
इस कॉलम के तीन भाग हैं, जिनमें अपनी शैक्षिक योग्यता, आसानी से दिखाई देने वाला पहचान चिह्न (जैसे पुराने जख्म या कोई और निशान) के अलावा लंबाई से.मी. में लिखें।
कॉलम-13
इस कॉलम में सरकारी कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी मांगी गई है। अगर आप केंद्र, राज्य सरकार, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) में कार्यरत हैं तो अपने दफ्तर के आई-डी की कॉपी साथ लगाएं। बाकी आवेदक इस कॉलम में 'नहीं' लिखें।
कॉलम-14
यह कॉलम नागरिकता से संबंधित है। आवेदक जन्म, आव्रजन/ रजिस्ट्रेशन या देशीयकरण से है, जो भी स्थिति हो बॉक्स में दर्ज करें। अगर आप जन्म से भारतीय हैं तो लिखें - जन्म से।
कॉलम-15
यह कॉलम इमिग्रेशन चेक से संबंधित है। सभी पेन कार्डधारक, दसवीं या उससे ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले व्यक्ति, डिग्रीधारक डॉक्टर, दूसरे प्रफेशनलों और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए इमिग्रेशन चेक जरूरी नहीं है। ईसीआर (इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) के जरिए जांच की जाती है कि जो लेबर भारत से बाहर जा रही है, उसके साथ कॉन्ट्रैक्ट होता है, वह लीगल है या नहीं। उसके साथ कोई नाइंसाफी न हो। दरअसल, अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे लोगों के सामने इस तरह की दिक्कत आ सकती है, इसलिए इन्हें ईसीआर की कैटिगरी में रखा जाता है, जबकि पढ़े-लिखे लोग अपने हकों की रक्षा कर सकते हैं, इसलिए उन्हें ईसीएनआर (इमिग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड) कैटिगरी में रखा जाता है। इस कॉलम में 'हां' या 'नहीं' लिखने के साथ-साथ सहायक डॉक्युमेंट लगाना जरूरी है।
कॉलम-16
यह कॉलम बच्चों के लिए है। पहली बार पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय माता/पिता या किसी एक पैरंट के वैलिड पासपोर्ट के ब्यौरे संबंधित कॉलम में दिए जाने चाहिए। ऐसे मामलों में उनके नाबालिग बच्चे के लिए किसी पुलिस सत्यापन के बगैर पासपोर्ट जारी किया जाएगा। ऐसे मामलों में, जिनमें माता-पिता के पास पासपोर्ट नहीं है, माता-पिता के दस्तावेजों के साथ ऐफिडेविट भी देना होगा।
कॉलम-17
यह कॉलम पहले कभी किए गए पासपोर्ट के आवेदन या पासपोर्ट जब्त होने/ रद्द आदि के संदर्भ में है। ऐसे में आवेदक को सही जानकारी देनी चाहिए। कोई तथ्य छुपाने पर पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रावधानों के तहत हर जुर्म के लिए 5000 रुपये तक का जुर्माना व दूसरी सजा दी जा सकती हैं।
कॉलम-18
यह कॉलम इमरजेंसी के लिए है। पासपोर्ट होल्डर की मृत्यु या दुर्घटना की स्थिति में सूचना दिए जाने वाले व्यक्ति के मोबाइल, टेलिफोन नंबर व ईमेल के साथ-साथ नाम व पता दिया जाना चाहिए।
कॉलम-19
य ह कॉलम भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के प्रति निष्ठा और स्वैच्छिक रूप से किसी दूसरे देश की नागरिकता या यात्रा दस्तावेज प्राप्त न करने आदि के बारे में आवेदक द्वारा की गई घोषणा है। इसके अलावा इस कॉलम में आवेदन-पत्र में सही सूचना देने से संबंधित घोषणा की गई है और आवेदक को यह मालूम है कि पासपोर्ट पाने के लिए कोई गलत सूचना देना व उसे छिपाना अपराध है। आवेदक के पास कोई दूसरा पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज नहीं है। दिए गए स्थान में अप्लाई करने की तारीख और स्थान के साथ-साथ हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लगाया जाना चाहिए।
कॉलम-20
आवेदन-पत्र के साथ लगे सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी की लिस्ट खाली जगह में दी जानी चाहिए या हर दस्तावेज आवेदक द्वारा स्वयं सत्यापित (सेल्फअटैस्ड) किया जाना चाहिए, यानी हर फोटोकॉपी पर आप अपने साइन कर दें।
फॉर्म के साथ नत्थी करें ये डॉक्युमेंट्स :
1. निवास का प्रमाण (अड्रेस-प्रूफ) - राशनकार्ड, पानी या लैंडलाइन फोन या बिजली का बिल, बैंक पासबुक, तीन साल के इनकम-टैक्स रिटर्न की कॉपी, वोटर आई-कार्ड, पति/पत्नी के पासपोर्ट की कॉपी, बच्चों के मामले में पैरंट्स के पासपोर्ट की कॉपी। अड्रेस-प्रूफ के तौर पर सिर्फ राशनकार्ड की कॉपी लगाना काफी नहीं है। इसके साथ ऊपर लिखे गए प्रमाणों में से कोई एक अतिरिक्त प्रमाण-पत्र लगाना होगा।
2. जन्मतिथि का प्रमाण - नगरपालिका या जिले के कार्यालय द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाणपत्र, अंतिम स्कूल या किसी अन्य मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थान से जन्मतिथि का प्रमाण-पत्र, जहां आवेदक ने पढ़ाई की हो। अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे आवेदक मैजिस्ट्रेट या नोटेरी द्वारा अटैस्टेड ऐफिडेविट लगाएं। अगर आवेदक का जन्म 26.1.89 को या उसके बाद हुआ है तो सिर्फ बर्थ सर्टिफिकेट ही मान्य होगा।
3. ईसीएनआर के लिए पात्रता - पासपोर्ट पर ईसीआर स्टांप नहीं लगाई जाती, तो माना जाएगा कि आवेदक को ईसीएनआर (इमिग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड) का दर्जा प्रदान किया गया है। इसके लिए दसवीं या उससे अधिक शैक्षिक योग्यता का सर्टिफिकेट, पेशेवर डिग्रीधारक जैसे कि डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, अध्यापक, वैज्ञानिक, ऐडवोकेट, मान्यता प्राप्त पत्रकार, सरकारी अधिकारी आदि अपनी डिग्री का सर्टिफिकेट लगा सकते हैं।
ध्यान रखने लायक बातें
- अगर वर्तमान आवेदन से पहले किसी पासपोर्ट दफ्तर में कभी भी पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और उस पर चाहे कार्रवाई की गई हो या बंद कर दी गई या पासपोर्ट जारी कर दिया गया लेकिन आवेदक को प्राप्त नहीं हुआ हो, तो इसकी जानकारी भी वर्तमान आवेदन-पत्र के संबंधित कॉलम में दी जानी चाहिए। ऐसी किसी जानकारी को छुपाने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
- 'री-इश्यू' का मतलब है कि मौजूदा पासपोर्ट, जो या तो खत्म हो गया हो या खत्म होने वाला है, उसके बदले दूसरे पासपोर्ट के लिए आवेदन करना। आवेदक समाप्त हो चुके या समाप्त होने वाले पासपोर्ट के बदले में नए पासपोर्ट के लिए पिछले पासपोर्ट की समाप्ति के तीन साल बाद तक और उसकी समाप्ति से एक साल पहले भी आवेदन कर सकता है।
- पासपोर्ट के 'नवीकरण' (रिन्यूअल) का अर्थ है, ऐसा पासपोर्ट जो आपातकालीन परिस्थितियों में एक से पांच साल के लिए जारी किया गया था और जिसे धारक पासपोर्ट जारी करने की तारीख से 10 साल की पूरी वैधता अवधि के लिए बढ़वाना चाहता है। नवीकरण फ्री सर्विस है। इसके लिए आवेदन फॉर्म नं. 2 में किया जाना चाहिए।
- अलग-अलग कैटिगरी के लिए अलग-अलग ऐफिडेविट देने होते हैं, जिनकी जानकारी आपको पासपोर्ट फॉर्म के साथ मिलने वाली सूचना पुस्तिका में उपलब्ध होती है। इसके अलावा आप पासपोर्ट विभाग की वेबसाइट www.passport.gov.in पर ऐफिडेविट ऑप्शन में जाकर उसे डाउनलोड कर सकते हैं।
- पासपोर्ट री-इश्यू के फॉर्म के साथ लगने वाले दस्तावेज - मूल पासपोर्ट, पासपोर्ट के पहले चार और बाद के चार पन्नों व ईसीआर/ ईसीएनआर पेज की सेल्फ अटैस्टेड फोटोकॉपी लगानी जरूरी है।
- फॉर्म के साथ ईसीएनआर स्टांप के लिए जरूरी कागजात, निवास प्रमाण-पत्र, यदि पति/पत्नी का नाम शामिल कराना चाहते हैं तो ऐफिडेविट या रजिस्ट्रार ऑफ मैरिज का सर्टिफिकेट लगाना होगा।
- बॉक्स भरते वक्त हर शब्द के पूरे होने के बाद एक बॉक्स खाली छोड़ें।
- सूचना इस तरह भरें कि वह दिए गए बॉक्स में आ जाए।
- बॉक्स के बाहर कुछ भी न लिखें। ओवरराइटिंग से बचें।
- अधूरे ऐप्लिकेशन फॉर्म स्वीकार नहीं किए जाते।
- पेंसिल या इंकपेन से फॉर्म न भरें।
- पासपोर्ट आवेदन फॉर्म मशीन से पढ़े जाते हैं, इसलिए साफ अक्षरों में भरें। फॉर्म भरते वक्त सावधानी बरतें और किसी भी तरह की गलती से बचें।
- यदि आवेदक को पासपोर्ट की फौरन जरूरत है तो वह तत्काल योजना के तहत आवेदन कर सकता है।
- नाम परिवर्तन की स्थिति में आवेदक (पुरुष व महिला दोनों) को ऐफिडेविट के साथ दो प्रमुख अखबारों की मूल कतरनें (जिसमें नाम बदलने संबंधी सूचना छपी होगी) जमा करनी होंगी, जिनमें से एक दैनिक समाचारपत्र आवेदक के स्थायी या वर्तमान निवास के इलाके का होना चाहिए।
- यदि आप अपना आवेदन-पत्र डाक से भेजते हैं तो आपको सभी दस्तावेजों की गजेटेड ऑफिसर द्वारा अटेस्टेड कॉपी लगानी जरूरी है।
ऑनलाइन आवेदन
पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पासपोर्ट विभाग की वेबसाइट www.passport.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ऑप्शन में जाकर कर सकते हैं। इस फार्म का प्रिंट जरूर लें। पासपोर्ट ऑफिस एक निश्चित तारीख और समय पर आपको बुलाएगा। आपके पास आवेदन-फॉर्म के प्रिंटआउट, अपेक्षित दस्तावेज के साथ मूल दस्तावेज व फीस होनी चाहिए। यदि उस समय आप नहीं जा सकते तो अथॉरिटी लेटर के साथ अपने प्रतिनिधि को भेज सकते हैं।
- आप नए पासपोर्ट, री-इश्यू व डुप्लिकेट पासपोर्ट के लिए आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं।
- यदि किसी वजह से आप अपने आवेदन-पत्र का प्रिंटआउट नहीं ले पाते हैं तो अपना आवेदन नंबर जरूर नोट कर लें ताकि बाद में इस आवेदन नंबर व जन्मतिथि की मदद से आवेदन-पत्र का प्रिंट लिया जा सके। आवेदन-पत्र में कई कॉलम ऐसे भी हैं, जिन्हें सिर्फ हाथ से भरा जा सकता है।
तत्काल पासपोर्ट
दस्तावेज : तत्काल स्कीम के तहत नीचे दिए गए दस्तावेजों में से कोई भी तीन दस्तावेजों के साथ ऐफिडेविट भी देना होगा। वोटर आई-कार्ड, सरकार द्वारा जारी सेवा आई-कार्ड, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़े वर्ग का प्रमाण-पत्र, स्वतंत्रता सेनानी आई-कार्ड, हथियार का लाइसेंस, संपत्ति दस्तावेज, राशनकार्ड, पेंशन दस्तावेज, रेलवे आई-कार्ड, पैन कार्ड, बैंक/ किसान डाकघर की पासबुक, मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं द्वारा जारी किए गए स्टूडेंट आई-कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बर्थ सटिर्फिकेट। ये दस्तावेज सेल्फ अटैस्टेड कॉपियों के साथ मूल रूप में पेश किए जाते हैं।
फीस : तत्काल पासपोर्ट के लिए फीस सामान्य पासपोर्ट फीस से ज्यादा है। इसका भुगतान नगर या संबंधित पासपोर्ट अधिकारी के नाम डिमांड ड्राफ्ट द्वारा किया जा सकता है।
तत्काल पासपोर्ट के लिए अतिरिक्त फीस इस तरह है :
1. आवेदन की तारीख से 1-7 दिन के अंदर - 1500 रु. + 1000 रु. पासपोर्ट फीस
2. आवेदन की तारीख से 8-14 दिन के अंदर- 1000 रु. + 1000 रु. पासपोर्ट फीस
डुप्लिकेट पासपोर्ट (गुम हो गए/ खराब हो गए पासपोर्ट के बदले में)
1. आवेदन की तारीख से 1-7 दिन के अंदर - 2500 रु.+ 2500 रु. डुप्लिकेट पासपोर्ट की फीस
2. आवेदन की तारीख से 8-14 दिन के अंदर 1500 रु.+ 2500 रु. डुप्लिकेट पासपोर्ट फीस
10 साल की वैधता अवधि खत्म होने के बाद फिर से पासपोर्ट बनाए जाने के मामले में
1. आवेदन की तारीख से तीन कार्यदिवसों के अंदर- 1500 रु.+ 1000 रु. पासपोर्ट फीस
- आमतौर पर पासपोर्ट 10 साल के लिए बनाया जाता है। चाहें तो कम वक्त के लिए भी बनवा सकते हैं।
- बच्चों का पासपोर्ट पांच साल या 18 साल की उम्र पर पहुंचने (जो भी कम हो) तक के लिए बनता है।
पासपोर्ट फीस
- 36 पेजों के पासपोर्ट के लिए: 1000 रुपये
- 60 पेजों के पासपोर्ट के लिए: 1500 रुपये
- बच्चों के पासपोर्ट के लिए: 600 रुपये
- 36 पेज के डुप्लिकेट पासपोर्ट के लिए: 2500 रुपये
- 60 पेज के डुप्लिकेट पासपोर्ट के लिए: 3000 रुपये
- अड्रेस, नाम, जन्मतिथि, जन्मस्थान बदलने, जीवनसाथी का नाम चढ़ाने पर फ्रेश पासपोर्ट बुकलेट के लिए: 1000 रुपये
No comments:
Post a Comment