Sunday, August 22, 2010

प्लास्टिक बैग: ग्राहक नहीं जिम्मेदार

परमानंद पांडे हलवाई की दुकान से नमकीन खरीदकर घर पहुंचे। प्लास्टिक बैग से नमकीन निकालकर खाई, तो देखा कि प्लास्टिक बैग का रंग नमकीन पर आ गया है। हलवाई के पास पहुंचे, तो उसने कहा कि हम तो रोज ऐसे ही बेचते हैं। किसी और ने तो आज तक शिकायत नहीं की। इसे खा लो, कुछ नहीं होगा।

ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। दरअसल, प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर समाज में जागरूकता न होने की वजह से इसका इस्तेमाल हमारी जिंदगी में बढ़ता जा रहा है। यह सस्ती, आसान व आसानी से मिलने वाली तो है, लेकिन पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक भी है। आज हमारे कूड़े का बड़ा हिस्सा प्लास्टिक कचरे के रूप में होता है। इसे अगर दूसरे कूड़े से अलग न किया जाए तो इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।

कुछ समय पहले दिल्ली सरकार ने प्लास्टिक बैग के दिल्ली में इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसे लेकर आम जनता में असमंजस बना हुआ है। प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को लेकर क्या हैं नियम, अधिकार और जिम्मेदारी, आइए जानते हैं :

नियम क्या हैं
दिल्ली में कोई भी व्यापारिक प्रतिष्ठान कस्टमर को प्लास्टिक के कैरी बैग में सामान डालकर नहीं दे सकता।

प्लास्टिक बैग बेचना, स्टोर करना और दुकानों द्वारा उन्हें इस्तेमाल में लाना मना है।

अगर कस्टमर को दुकान से निकलते वक्त प्लास्टिक कैरी बैग इस्तेमाल के लिए कोई अथॉरिटी रोकती है, तो इसे कस्टमर नहीं, बल्कि दुकानदार की गलती माना जाएगा।

सरकार को विज्ञापनों व दूसरे प्रचार माध्यमों से जनता को जागरूक बनाना चाहिए, जिससे लोग प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को जानकर उनके विकल्पों को अपना सकें।

सरकार को प्लास्टिक बैग की बजाय कागज, जूट व ऐसी ही दूसरी चीजों से बने बैग्स को प्रोत्साहित करना चाहिए।

आपकी जिम्मेदारी और अधिकार
आम नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह प्लास्टिक के कैरी बैग को रिजेक्ट करे और जूट व कपड़े के बैग का इस्तेमाल करे।

आप अपने घर में उपलब्ध पुराने प्लास्टिक कैरी बैग को सामान लाने-ले जाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

रंगीन प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल कभी न करें। इसमें मेटलिक ऐडिटिव्स होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं।

प्राकृतिक रूप से गलने वाले कूड़े को अलग रखें और प्लास्टिक के कचरे या बैग इत्यादि को अलग।

अगर आपके घर के पास कोई प्लास्टिक रीसाइक्लिंग फैक्ट्री चल रही है तो आप अपने एरिया के एसडीएम या दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी को लिखित रूप में शिकायत कर सकते हैं। इसे तुरंत बंद कराना उनकी जिम्मेदारी है।

ये भी जानें

प्लास्टिक को कभी खत्म (नष्ट) नहीं किया जा सकता।

दिल्ली में अधिकृत रीसाइक्लिंग फैक्ट्रियों की तुलना में कई गुना ज्यादा फैक्ट्रियां अवैध रूप से चल रही हैं। नियम यह है कि प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स के निर्माता दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी में रजिस्ट्रेशन कराए बिना फैक्ट्री नहीं चला सकते।

प्लास्टिक शहर की सुंदरता को खराब करेती है। नालों व सीवर को जाम कर देती है। अगर यह प्लास्टिक कूड़े में मिली हो तो इसे जलाए जाने पर जहरीली गैस निकलती हैं। यह प्लास्टिक कूड़े की प्रोसेसिंग को भी प्रभावित करती है।

आमतौर पर फल-सब्जी या परचून दुकानदारों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे प्लास्टिक बैग तय स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं होते।

क्या होगी सजा
प्लास्टिक के कैरी बैग को बेचने, स्टोर करने या उसमें सामान डालकर कस्टमर को देने पर एक लाख रुपए का जुर्माना व पांच साल की सजा हो सकती है।

हेल्पलाइन
अगर आपको रेजिडेंशल एरिया में कोई प्लास्टिक रीसाइक्लिंग फैक्ट्री नजर आए या कोई दुकानदार किसी भी तरह के प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहा हो तो आप अपने एरिया के एसडीएम, राशन दफ्तर के एफएसओ, एमसीडी या एनडीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी, खाद्य अपमिश्रण विभाग के इंस्पेक्टर आदि को सूचित कर सकते हैं। आपकी शिकायत पर कार्रवाई करना उनकी जिम्मेदारी है।

आप दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी को सीधे लिख सकते हैं। ऐसी चीजों को रोकना इसी विभाग की जिम्मेदारी है। आप कमिटी के चेयरमैन या मेंबर सेक्रेटरी को इस पते पर लिख सकते हैं :

दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी, चौथी मंजिल, आईएसबीटी बिल्डिंग, कश्मीरी गेट, दिल्ली-110006

फोन : 011-23869389, 23860389
फैक्स : 011- 23392034, 23866781

दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग को भी लिख सकते हैं।

पता है :
डिप्टी सेक्रेटरी (एनवायरनमेंट), कमरा नंबर सी-604, छठी मंजिल, सी-विंग, दिल्ली सचिवालय, आईपी एस्टेट, नई दिल्ली- 110002, फोन : 011-23392028

दिल्ली सरकार की 'आपकी सुनवाई' शिकायत व्यवस्था में 155345 पर फोन करके या इंटरनेट से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

3 comments:

  1. अपनी पोस्ट के प्रति मेरे भावों का समन्वय
    कल (23/8/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
    और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा।

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  2. बहुत बढ़िया जानकारी है |

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  3. सूचना हेतु धन्यवाद श्रीमान

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