Sunday, May 2, 2010

विचार



-जिसमें उन्नति कर सकने की क्षमता है, उसी पर विपत्तियां भी आती हैं।

-मानव अपनी सोच की आंतरिक प्रवृति को बदलकर अपने जीवन के बाह्य पहलूओं को बदल सकता है.

-कभी-कभी समय के फेर से मित्र शत्रु बन जाता है और शत्रु भी मित्र हो जाता है, क्योंकि स्वार्थ बड़ा बलवान है।

-आत्मवान संयमी पुरुषों को न तो विषयों में आसक्ति होती है और न वे विषयों के लिए युक्ति ही करते हैं।

-किसी कार्य के लिए कला और विज्ञान ही पर्याप्त नहीं हैं, उसमें धैर्य की आवश्यकता भी पड़ती है।

-जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ता है।

-शोक करने वाला मनुष्य न तो मरे हुए के साथ जाता है और न स्वयं ही मरता है। जब लोक की यही स्वाभाविक स्थिति है तब आप किसके लिए बार-बार शोक कर रहे हैं।

-जब आपका जन्म हुआ तो आप रोए और जग हंसा था. अपने जीवन को इस प्रकार से जीएं कि जब आप की मृत्यु हो तो दुनिया रोए और आप हंसें.

-इस बात का अधिक महत्व नहीं है कि दुनिया में हम कहां खड़े हैं अपितु महत्व तो इस बात का है कि हम किस दिशा की तरफ अग्रसर हैं.

-निराशावादी व्यक्ति पवन के बारे में शिकायत करता है; आशावादी इसका रुख बदलने की आशा करता है; लेकिन यथार्थवादी पाल को अनुकूल बनाता है.

-कल तो चला गया. आने वाले कल अभी आया नहीं है. हमारे पास केवल आज है. आईये शुरुआत करें.

-कड़ी मेहनत के बिना सफलता का प्रयास करना तो ऐसा है जैसे आप वहां से फसल काटने की कोशिश कर रहे हों, जहां आपने फसल बोई नहीं है.

-अपनी सफलता अथवा असफलता की संभावनाओं का आकलन करने में अपना समय नष्ट न करें. केवल अपना लक्ष्य निर्धारित करें और कार्य आरम्भ करें.

-दुनिया में सबसे बड़ा अपराध अपनी संभावनाओं का विकास न करना है. आप जब भी कुछ कार्य करते हैं और उसे बेहतर तरीके से करते हैं, तो न केवल आप अपनी सहायता करते हैं, अपितु आप पूरी दुनिया की सहायता करते हैं.

-आप कहीं भी जाएं, दिल से जाएं.

-जीवन वह नहीं है जिसकी आप चाहत रखते हैं, अपितु यह तो वैसा बन जाता है, जैसा आप इसे बनाते हैं.

-वह एकमात्र स्थान जहां पर सपने असंभव होते हैं, वह स्वयं आपका मस्तिष्क है.

-जब आप शहद की खोज में जाते हैं, तो आपको मधुमक्खियों द्वारा काटे जाने की संभावना को स्वीकर कर लेना चाहिए. (सफलता के मार्ग में कठिनाईयों का आना स्वभाविक ही है)

-कड़ी मेहनत के बिना तो केवल खर पतवार की ही उपज पैदा होती है.

-चाहे आप में कितनी भी योग्यता क्यों न हो, केवल एकाग्रचित्त होकर ही आप महान कार्य कर सकते हैं

-मुझे अपने प्रशिक्षण के प्रत्येक क्षण से नफरत थी, लेकिन मैंने कहा, "हार नहीं मानो. अभी कष्ट उठा लो और शेष जीवन विजेता की तरह जियो."

-भगवान में विश्वास न रखने वाले व्यक्ति के लिए, मृत्यु एक अंत हैं; लेकिन विश्वास करने वाले के लिए यह शुरुआत है.

-महत्व इस बात का नहीं है कि आप अपने बच्चों के लिए क्या छोड़कर जाते हैं, महत्व तो इस बात का है कि आप उन्हें कैसा बना कर जाते हैं.

-मित्रता कभी भी अवसर नहीं अपितु हमेशा एक मधुर उत्तरदायित्व होती है.

-निराशा को काम में व्यस्त रहकर दूर भगाया जा सकता है.

-व्यक्ति कर्मों से महान बनता है, जन्म से नहीं।

-ज्ञान में पूंजी लगाने से सर्वाधिक ब्याज मिलता है।

-निकम्मे लोग सिर्फ खाने पीने के लिए जीते हैं, लेकिन सार्थक जीवन वाले जीवित रहने के लिए ही खाते और पीते हैं।

-संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते हैं - एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति।

-चाहे यह आपके लिए सबसे अच्छा समय हो, अथवा सबसे खराब समय हो, केवल और केवल समय ही हमारे पास होता है

-कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं....... जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं.

-नन्हे शिशु के जन्म का अर्थ है कि भगवान यह चाहते हैं कि यह दुनिया बनी रहे.

-जब यह साफ हो कि लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है, तो लक्ष्यों में फेरबदल न करें, बल्कि अपनी प्रयासों में बदलाव करें.

-मेरे विचार से यदि आप इन्द्रधनुष चाहते हैं, तो आपको वर्षा को सहना होगा.

-श्रम के बिना सफलता प्राप्त नहीं होती है

-भगवान यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल हों. वे तो केवल इतना ही चाहते हैं कि हम प्रयास करें.

-किसी मूर्ख व्यक्ति की पहचान उसके वाचालता से होती है, तथा बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके मौन रहने से होती है.
-प्रेम की रोटियों में अमृत रहता है, चाहे वह गेहूं की हों या बाजरे की।

-मनुष्य ही परमात्मा का सर्वोच्च साक्षात मंदिर है। :विवेकानंद.

-मन का दुख मिट जाने पर शरीर का दुख भी मिट जाता है।

-जिसमें उन्नति कर सकने की क्षमता है, उसी पर विपत्तियां भी आती हैं।

-किसी भी चीज का अंत एक नई चीज की शुरुआत होता है, हमे बस उस वक्त इसका अहसास नही हो पाता.

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