Friday, March 19, 2010

सबसे सुंदर

एक व्यक्ति जिज्ञासु प्रवृत्ति का था। एक बार उसके मन में सवाल उठा कि सर्वोत्तम सौंदर्य क्या है? वह इसके उत्तर की खोज में चल पड़ा। th_photography
उसने एक तपस्वी के सामने अपनी जिज्ञासा रखी। तपस्वी बोले, 'श्रद्धा ही सबसे सुंदर है, जो मिट्टी को भी ईश्वर में परिवर्तित कर देती है।' वह व्यक्ति इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और आगे बढ़ गया। आगे उसे एक प्रेमी मिला जिसने कहा, 'इस दुनिया में सबसे सवोर्त्तम सौंदर्य सिर्फ प्रेम है। प्रेम के बल पर इंसान दुनिया की बड़ी से बड़ी ताकत को पराजित कर सकता है।' व्यक्ति को इससे भी संतुष्टि नहीं हुई।
उस समय एक योद्धा रक्तरंजित, हताश लौट रहा था। उस व्यक्ति ने योद्धा से वह प्रश्न पूछा तो योद्धा बोला, 'शांति ही सबसे सर्वोत्तम है, क्योंकि युद्ध की विनाश लीला मैं स्वयं देखकर आ रहा हूं। मैंने देखा कि किस कदर ईर्ष्या और लोभ के वशीभूत लड़ा गया युद्ध अनेक जिंदगियां बरबाद कर देता है, कई घर उजाड़ देता है।' तभी एक स्त्री विलाप करती नजर आई। उस व्यक्ति ने उस स्त्री से इसका कारण जानना चाहा तो वह बोली, 'मेरी बेटी खेलते-खेलते जाने कहां चली गई है। मैं उसे ढूंढ रही हूं।' तभी स्त्री की पुत्री खेलते-खेलते उसके पास पहुंच गई। स्त्री ने उसे बांहों में भर लिया।
युवक ने उससे भी वही प्रश्न किया। स्त्री बोली, 'मेरी नजर में तो ममता में ही सर्वोत्तम सौंदर्य छिपा हुआ है।' स्त्री की बातों से उस व्यक्ति को अपने घर की याद आ गई। उसे अहसास हुआ कि पिछले कई दिनों से वह अपने घर से बाहर है। वह घर के लिए चल पड़ा। घर पहुंचने पर उसकी पत्नी और उसके बच्चे उससे लिपट गए। उन्हें देखकर उसे असीम शांति की प्राप्ति हुई। उसे लगा उसका परिवार ही सर्वोत्तम सौंदर्य है। लेकिन फिर उसने सोचा कि वास्तव में सर्वोत्तम सौंदर्य के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग अर्थ हैं और जिसके पास उनमें से जो अर्थ मौजूद है उसकी नजरों में वही सबसे महत्वपूर्ण है।

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