'गर नकल से होगा इम्तिहान, तो खोखला होगा हिन्दुस्तान', 'नकल इम्तिहान में, भविष्य कब्
रिस्तान में', 'चीटर्स हैज नो फ्यूचर'- ये किसी मसालेदार हिन्दी फिल्म का डॉयलाग नहीं है, बल्कि नकल के विरुद्ध जागृत अभियान के तहत भिवंडी के एक विद्यालय द्वारा दिए गए नारे हैं।
भिवंडी में पहली बार शहर के सर्वाधिक पुराने विद्यालय रईस हाईस्कूल में परीक्षा देने आए 12 वीं एवं 10 वीं के छात्रों में जागृति फैलाने हेतु पोस्टरों एवं बैनरों द्वारा नकल के विरुद्ध सकारात्मक सार्थक पहल का प्रयास किया गया है। रईस हाईस्कूल में नकल रोकने के लिए उर्दू, मराठी एवं अंग्रेजी में इस प्रकार के लगभग दो दर्जन से अधिक बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें 'मिजाज बदलो नकल का, कुछ तो सोचो कल का', 'मत करो नकल, बदलो देश की शकल', 'नकल से नकली, 'अकल से असली', 'बुद्धि चालवा- नक्कल घालवा', 'करू नका नक्कल- बदला परिक्षेची शकल', 'नाट कॉपी' एवं 'यूज योर एबिलिटी' जैसे नारे लिखे गए हैं।
रईस हाईस्कूल में जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल जियाउर्रहमान अंसारी एवं उनके सहयोगी अध्यापकों द्वारा उठाए गए इस सराहनीय कदम सर्वत्र सराहना की जा रही है। नकल रोकने का अभियान जिया सर ने सिर्फ बैनरों एवं पोस्टरों तक ही सीमित नहीं रखा है। उन्होंने हर कमरे में सीसी कैमरा लगा रखा है, जो फोटो की रिकॉर्डिंग भी करता है। यदि किसी परीक्षार्थी ने काफी धीमी आवाज में भी बात की तो प्रधानाचार्य कक्ष में बैठे उन्हें सब सुनायी पड़ता है और दिखाई भी देता है। वहीं से बैठकर कक्ष निरीक्षकों को गाइड भी करते रहते हैं। यही कारण है कि जिया सर को हाईटेक प्रिंसिपल कहा जाता है।
रईस कॉलेज के एक अध्यापक ने बताया कि यहां के बच्चे पहले बहुत खुश थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनका परीक्षा केंद्र रईस ही है, तो वे मायूस हो गए, क्योंकि उन्हें पहले से मालूम था कि रईस में नकल होने वाली नहीं है।
आपका ब्लॉग जगत में स्वागत .....!!
ReplyDeleteAnek shubhkamnayen!
ReplyDeleteइस नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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