Saturday, March 6, 2010

सॉफ्ट ड्रिंक्स आपकी सेहत के लिए बहुत खराब हैं!

पिछले साल गर्मियों में दफ्तर से बाहर आकर अक्सर ठन्डे शीतल पेय या सॉफ्ट ड्रिंक्स पी लेता था. हांलाकि मैं अपनी सेहत को लेकर सावधान रहता हूँ और यह दावा भी करता हूँ कि मैं आत्मनियंत्रण कर सकता हूँ लेकिन दफ्तर के बाहर और घर में भी कई बार सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने के कारण मुझे कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ा. सबसे पहले तो मेरा गला खराब होने लगा और खांसी ने मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया. दांतों में भी दर्द होने लगा और एसिडिटी भी होने लगी. दो-तीन महीने तक दबा कर सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने और आइसक्रीम खाने के कारण लगभग पूरे साल भर मैं परेशान रहा. अब मैंने इन चीज़ों से तौबा कर ली है. घर में मेरा चार साल का बेटा भी सॉफ्ट ड्रिंक्स का बहुत शौक़ीन है और वह भी बार-बार गला खराब होने और बुखार से पस्त होता रहा. आजकल बच्चों के डॉक्टर बच्चों के कुछ भी खाने-पीने को गलत नहीं मानते और इसी वज़ह से हमने भी उसकी फरमाइशें पूरी कीं. लेकिन इसके कारण अब उसका गला और पेट बहुत जल्दी खराब हो जाता है और दांतों में भी कैविटी हो रही हैं. बहुत कठोरता बरतने पर ही हम उसके खाने-पीने की आदतों पर नियंत्रण रख पाए हैं.

bottles

मैं पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का कट्टर प्रशंसक नहीं हूँ लेकिन बड़े-बुजुर्गों द्वारा अपनाये और परखे गए खान-पान के नियमों का महत्व कुछ हद तक जान गया हूँ. खान-पान और परहेज के नियम पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनाए जाते रहे हैं और इनसे कभी किसी का बुरा नहीं हुआ. आज भी घर-परिवार के बड़े और अनुभवी लोग सॉफ्ट ड्रिंक्स को अच्छा नहीं मानते और अब तो यह कई रिसर्च और प्रयोगों से भी सिद्ध हो चुका है. इस सबके बाद भी सॉफ्ट ड्रिंक्स का व्यापार करनेवाली कम्पनियाँ अरबों-खरबों का मुनाफा कमाती हैं और इसके पीछे सिर्फ हमारी नासमझी और जीभ पर कम नियंत्रण का होना ही है. प्रचार माध्यमों में अंधाधुंध आते विज्ञापनों के कारण भी नई पीढ़ी इसको इस्टाइल और स्टेटस से जोड़कर देखती है और अटपटे तरीके से ड्रिंक के कैन को उँगलियों में फंसाकर पीने को बहुत कूल माना जाता है.

लगभग सभी सॉफ्ट ड्रिंक्स शक्कर और कैफीन से भरपूर होते हैं. ये लिक्विड चौकलेट जैसे ही होते हैं और इनसे हमारें दांत, पैंक्रिया, और पाचन तंत्र को हानि पहुँचती है. हम लोगों में से ज्यादातर लोग इस बात को जानते हैं कि सॉफ्ट ड्रिंक्स भी एक प्रकार का जंक फ़ूड हैं पर इसका स्वाद चखने का लोभ संवरण नहीं कर पाते. नाश्ते-पार्टियों में सॉफ्ट ड्रिंक्स के स्टाल पर भीड़ उमड़ पड़ती है और छोटे बच्चे इसमें सबसे आगे रहते हैं.

ठण्ड के मौसम में भी मेरे पड़ोसी के घर के बाहर रोज़ कचरे में सॉफ्ट ड्रिंक्स की पेट बोतलें दिखती थी और हम इस बात पर आश्चर्य करते थे कि इतना सॉफ्ट ड्रिंक्स कोई कैसे रोज़-रोज़ पी सकता है! खैर, आमतौर पर सोडा ड्रिंक्स की एक बोतल 300 मिलीलीटर की होती है पर बहुत से लोग 500 मिलीलीटर की पूरी बोतल भी घूमते-फिरते पी डालते हैं. 300 मिलीलीटर की बोतल से हमें एक दिन में लगभग 150 कैलोरी अर्थात एक माह में 4,500 कैलोरी मिलती हैं. एक पौण्ड चर्बी 3,500 कैलोरी के बराबर होती है. इसका मतलब यह हुआ कि यदि कोई पूरे सालभर रोज़ एक बोतल पीते रहे तो उसे 54,000 कैलोरी = 15.4 पौण्ड चर्बी मिलेगी. यही कारण है कि अपनी बोतल से चुस्की लेते अमेरिकी भारतीयों से आकार और वज़न में लगभग दुगने होते हैं. उन्हीं की तर्ज़ पर भारत में भी अब लाइफस्टाइल रोग पैर पसारने लगे हैं.

fat 
रोजाना एक बोतल सॉफ्ट ड्रिंक पीने वाले के शरीर में लगभग 40-50 ग्राम अतिरिक्त शक्कर जाती है. क्या आप अपने बच्चे को वैसे ही दिन भर में पचास ग्राम शक्कर फांकने देंगे? शायद नहीं. कम्पनियाँ तो इन तथ्यों को साफ़ नकार देती हैं लेकिन यह सब शीशे की तरह साफ़ है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से शरीर को किसी प्रकार का फायदा नहीं पहुँचता.

सॉफ्ट ड्रिंक्स में पडी़ शक्कर से दांत खराब होते हैं. इसमें कई तरह से रासायनिक तत्व होते हैं जिनसे ऐसिडिटी होती है. शरीर में अतिरिक्त शक्कर की उपस्तिथि से पैंक्रिया के कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है. इसका सीधा सम्बन्ध डायबिटीज़ से है. इनसे मोटापा बढ़ता है जो सभी रोगों का घर माना जाता है. सॉफ्ट ड्रिंक्स के प्रयोग से शरीर को हानि पहुँचती है, इसे सिद्ध करने के लिए किसी विराट शोध या सर्वे की आवश्यकता नहीं है. कभी-कभार एक बोतल सॉफ्ट ड्रिंक पीने में कोई हर्जा नहीं है लेकिन इसे अपने रोज़मर्रा के जीवन में उतार लेना और इसे पानी का विकल्प बनाना सर्वथा उचित नहीं है.

क्या आपके मन में यह विचार आ रहा है कि डाईट सोडा का उपयोग निरापद होगा? यह सही है कि डाईट सोडा में कैलोरी या शक्कर नहीं होती पर उसमें कई कृत्रिम स्वीटनर मिलाये जाते हैं जो अंततः शरीर को नुक्सान पहुंचाते हैं. याद रखें, प्राकृतिक वस्तुओं के विकल्प अभी भी विरले ही हैं. यदि आप डाईट सोडा पीने के शौक़ीन हैं तो यह लिंक आपके लिए है : Is Diet Coke bad for you?  मुझे नहीं मालूम कि इस लेख में दिए गए तथ्य कितने सत्य हैं परन्तु इनसे डाईट सोडा के सुरक्षित होने पर प्रश्नचिन्ह लगता है.

आप किसी भी तरह का सॉफ्ट ड्रिंक या सोडा ड्रिंक पीते हों, आपके लिए बेहतर यही होगा कि इसकी मात्र और आवृत्ति पर अंकुश लगायें. इनसे बेहतर तो पैकेट बंद जूस पीना होगा, हांलाकि साबुत फल खाने से अच्छा कुछ नहीं होता. आनेवाली गर्मियों में यह तय कर लें कि सॉफ्ट ड्रिंक या सोडा नहीं पियेंगे, या कम-से-कम ही पियेंगे.

No comments:

Post a Comment